क्या है SEBI डेरीवेटिव एक्सपायरी चेंज :
पिछले कुछ महीनो से सेबी एक्सपायरी को लेकर अपने नियमो में नियमित रूप से बदलाव कर रही है अभी हाल ही में SEBI ने की डेरीवेटिव एक्सपायरी चेंज , भारतीय शेयर बाजार में एक और बड़ा बदलाव देखने को मिला है SEBI (Securities and Exchange Board of India ) ने NSE (National Stock Exchange )और BSE (Bombay Stock Exchange )के डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी में ऑफिसियल बदलाव की अनुमति दे दी है

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इस निर्णय के तहत :
NSE पर डेरिवेटिव का एक्सपायरी का दिन अब मंगलवार होगा
BSE पर डेरीवेटिव का एक्सपायरी का दिन अब गुरुवार होगा
ये बदलाव जो होंगे वो 1 सितम्बर 2025 से लागु होंगे
ऊपर दिए जो बदलाव है वो डेवलपमेंट ट्रेडिंग इकोसिस्टम में गेम चेंजर बन सकते है जिसका पूर्णरूप से सीधा असर रिटेल ट्रेडर्स और संस्थागत ट्रेडर्स दोनों पर पड़ेगा
और साथ में बाजार में तो हलचल देखने को मिलेगी ही
सेबी के इस निर्णय का क्या मकसद है ?
1. SEBI डेरीवेटिव एक्सपायरी चेंज का प्राथमिक लक्ष :
2. बाजार से भीड़भाड़ को कम करना
3. Liquidity की एफ्फिसिएंसी को distribute करना
4. प्राइस डिस्कवरी को बेहतर करना
5. जो सिस्टमिक रिस्क है उसको कम करना
अभी जो एक्सपायरी चल रही थी दोनों एक्सचेंज की एक ही दिन गुरुवार को ही एक्सपायरी होती थी जिससे एक ही दिन High volume और Volatility होती थी अब इस चेंज के बाद NSE और BSE अलग-अलग USER के आधार पर अलग एक्सपायरी का दिन मैनेज कर सकेंगे.
BSE vs NSE -Derivative Segment का Competitive angle :
इस SEBI ने की डेरीवेटिव एक्सपायरी चेंज के बाद BSE के पास एक मौका है अपनी डेरीवेटिव को मजबूत करने के साथ बढ़ाने का। अभी तक जो देखा गया है BSE का डेरीवेटिव बाजार को लेकर एक लीमिटेड था लेकिन BSE की अलग से एक्सपायरी देने से इसको एक unique positioning मिल सकती है
NSE के लिए क्या बदलेगा ?
1. अब NSE को मंगलवार को HIGH Liquidity मैनेज करनी पड़ेगी
2. एक्सपायरी के सप्ताह में सोमवार और मंगलवार को HIGH ACTION देखा जा सकेगा
क्या BSE के लिए मौका खुलेगा ?
1. अपनी ऑप्शन liquidity को बड़ा सकेगा
2. रिटेलर्स के लिए एक अलटरनेटिव एक्सपायरी साइकिल बन सकती है
SEBI ने की डेरीवेटिव एक्सपायरी चेंज का टेक्निकल प्रभाव :
Option pricing ,open interest buildup ,और volatility – ये सभी इस नए नियमो के साथ शिफ्ट होंगे अब स्ट्रेटेजी जो एक्सपायरी में प्रयोग करते थे वो भी नए कैलेंडर के साथ अपनानी होगी।
जिससे ये नियम algo Trading ,एक्सपायरी के दिन scalping और हेजिंग स्ट्रेटेजीज को भी प्रभावित करेंगे।
ट्रेडर्स और ब्रोकर्स का Reaction :
रिटेल ट्रेडर्स :
इस बद्लाव से मुझे एक्सपायरी ट्रेडिंग में ज़्यादा opportunities मिलेंगी अब हर week 2 दिन एक्सपायरी का फायदा उठाया जा सकता है –Ravi Full -time option Trader
ब्रोकर्स और अनलिस्टर्स :
SEBI का मूवी स्मार्ट है NSE पर volume crowding कम होगी और BSE में नए ट्रेडर्स आकर्षित होंगे –Meena Gupta ,हेड ऑफ़ डेरिवेटिव रिसर्च
Algo ट्रेडिंग फर्म्स :
अलग -अलग एक्सपायरी दिन होने से हमें अधिक arbitrage और हेजिंग opportunities मिलेंगी लेकिन सिस्टम्स को नए कैलेण्डर के लिए रिप्रोग्राम करना होगा
ब्रोकर्स प्लेटफॉर्म्स और APIs को अपडेट करना होगा :
SEBI ने की डेरीवेटिव एक्सपायरी चेंज के बाद , ब्रोकर्स प्लैटफॉर्म्स जैसे- Zerodha ,upstox ,Angel one ,Groww अदि को ऑप्शन चैन डिस्प्ले ,एक्सपायरी फ़िल्टर और order execution systems को अपडेट करना पड़ेगा.
SEBI ने क्या कहा :
“Derivative expiry changes are made to avoid market disruption due to high concentration of volume on a single day. The staggered expiry approach is aimed at maintaining market integrity and enhancing retail participation.”
इस अनाउंसमेंट के बाद NSE और BSE दोनों ने अपने सर्कुलर्स दे दिए है जिसमे नए एक्सपायरी date साइकिल मेंशन है
Challenges & Risks :
1. ट्रेडर्स को नए नियमो से उलझन हो सकती है
2. एल्गो और ऑप्शन स्ट्रेटेजीज को फिर से उनमे सुधार करना पड़ेगा
3. Weekly एक्सपायरी की स्ट्रेटेजीज में कैलेण्डर का प्रभाव पड़ेगा
लेकिन लॉन्ग टर्म में इससे वॉल्यूम डिस्ट्रीब्यूशन और ट्रेडिंग डिसिप्लिन बढ़ेगी
SEBI डेरीवेटिव एक्सपायरी चेंज –फायदे :
फायदे | अलग-अलग एक्सपायरी दिन होने से लिक्विडिटी का कंसंट्रेशन कम होगा |
Liquidity Diversification | 1 Week में 2 एक्सपायरी दिन का benefit |
Improved Scalping | एल्गो फर्म्स को एक बेहतर edge मिलेगा |
Potential Volatility Control | एक्सपायरी के दिन का अचानक iv spike कम होगा |
BSE Boost | BSE डेरिवेटिव्स में फिर से इंटरेस्ट आएगा |
निष्कर्ष :
क्या ट्रेडर्स को स्ट्रेटेजीज बदलनी चाहिए ?
बिलकुल! SEBI ने की डेरीवेटिव एक्सपायरी चेंज एक टेक्निकल शिफ्ट है जिसका सीधा असर आपकी एक्सपायरी ट्रेडिंग स्ट्रटेजी ,हेजिंग ,और कैलेंडर प्लानिंग पर पड़ेगा
ट्रेडर्स को चाहिए कि :
1. अपना एक्सपायरी के आधार पर कैलेंडर बनाये
2. Option Greeks को एनालिसिस को नए दिनों के अनुसार प्लान करे
3. NSE और BSE दोनों में एक्टिव होने के प्लान बनाए
अंतिम शब्द :SEBI ने की डेरीवेटिव एक्सपायरी चेंज सिर्फ एक दिनांकित बात नहीं है -ये भारतीय डेरीवेटिव मार्किट का संरचना बदलने वाली चाल है इससे BSE को फिर से अपको ठीक करने का मौका मिलेगा साथ ही NSE को अधिक orderly trading environment मिल सकता है