भारतीय शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जब भी दोनों देशों के बीच हालात खराब होते हैं,तो जो भी वस्तुयें इम्पोर्ट या एक्सपोर्ट होती है उनकी चैन डिस्टर्ब हो जाती है जिससे मार्किट में डिमांड और सप्लाई का ग्राफ ऊपर, नीचे हो जाता है तो वो हालात लोगो में भय पैदा कर देते हैतो इसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डालता है
भारत रूस से बहुत सारी वस्तुयें आयात करता है, जिसमें कच्चा तेल और पेट्रोलियम उत्पाद, रक्षा उपकरण और हथियार, खाद और कोयला शामिल है। जब इन सबकी चेन गड़बड़ा जाती है, और बाजार में अस्थिरता बढ़ जाती है। लोग को डर लगने लगता है इसी डर के चलते बाजार प्रभावित होता है

भारतीय शेयर पर नकारात्मक प्रभाव
सोने की कीमत बढ़ जाती है।
सोने की कीमत क्यों बढ़ती है सोने को सबसे विश्वनीय सम्पत्ती माना जाता है जिससे इन्वेस्टर युद्ध की दहशत में जोखिम भरी संपत्ति (शेयर) बेचकर सुरक्षित संपत्ति (सोना, डॉलर) में निवेश कर देते हैं। जिसकी वजह से सोने और डॉलर की कीमत बढ़ जाती है।जब फाइनेंसर बिकवाली करते हैं तो बाजार गिरता है और बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है। इसके साथ ही इस घबराहट के कारण निफ्टी, बैंक निफ्टी शॉर्ट टर्म में गिरते हैं। कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है।
कच्चे तेल की कीमत में उछाल क्यों आता है?
यह जानिए। आप समझ जाएंगे कि रूस तेल और गैस का एक बड़ा निर्यातक है। युद्ध के कारण जब सप्लाई चेन बाधित होती है तो मांग बढ़ती है जिससे कीमतें बढ़ती हैं। इसका एक और असर होता है। ईंधन की कीमतें महंगी होने के साथ ही कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन में गिरावट आती है जिससे शेयर बाजार पर दबाव पड़ता है और इस वजह से महंगाई बढ़ती है। महंगाई और ब्याज दरें बढ़ती हैं।
महंगाई और ब्याज दरें क्यों बढ़ती हैं?

जब भी वैश्विक सप्लाई चेन बाधित होती है, चाहे वह खाद्य हो, तेल हो या धातु, सभी पर सीधा असर पड़ता है। और केंद्रीय बैंकों के लिए, महंगाई ब्याज दरों को बढ़ाती है और उच्च ब्याज दरों से महंगे लोन मिलते हैं और बाजार का सेंटीमेंट गिरता है। INR बनाम USD युद्ध के दौरान जब बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है तो FII घबराकर स्टॉक बेच देते हैं और डॉलर में निवेश करते हैं जिससे INR गिरता है और USD में उछाल आता है। जब FII भारतीय बाजार से पैसा निकालते हैं तो भारतीय आयात महंगा हो जाता है।
सेक्टरों पर प्रभाव
जिन सेक्टरों में अनिश्चितता के कारण इनपुट लागत बढ़ती है, उनमें ऑटो, एविएशन, एफएमसीजी आदि सेक्टरों में गिरावट आती है।
और जब कच्चे तेल की चेन बाधित होती है, तो ऊर्जा की मांग बढ़ जाती है और इस कारण ऊर्जा शेयरों में उछाल आता है। सोने और धातुओं की बात करें, तो निवेशक अनिश्चितता के कारण सुरक्षित रहने के लिए सोने और धातुओं में निवेश करते हैं, जिसके कारण सोने और धातुओं की कीमत में उछाल आता है।
निष्कर्ष:
युद्ध के कारण भारतीय बाजार में सूचकांक और शेयरों में गिरावट आती है और कच्चे तेल और धातुओं की कीमत बढ़ती है, सोने की कीमत बढ़ती है, तो सोना एक अच्छा अवसर हो सकता है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे इस अनिश्चितता भरे बाजार में अपनी समझ के साथ अपने पैसे को सुरक्षित क्षेत्र में निवेश करें।